Episode -1
सुब्बू मोबाइल में कुछ देख कर दुखी हो जाता है और उसकी आंखों से आंसु निकलने लगते हैं। तभी अचानक सुब्बू भागने लगता हैं और ऑफिस से निकल कर दौड़ता हुआ किसी को ढुंढने लगता है। सुब्बू बहोत परेशान हैं।
तभी दौड़ते हुए उसे सड़क के दूसरी तरफ वो दिखती है और सुब्बू जोर से चिल्लाता है, "प्रिया। "
प्रिया, सुब्बू की तरफ देखती है। सुब्बू को इतना परेशान होकर उसे ढुंढते देखकर प्रिया की आंखें नम हो जाती हैं। प्रिया को देख कर सुब्बू भी शांत हो जाता है और दोनों नम आंखों से एक दूसरे को देखते हुए एक दूसरे कि तरफ बढ़ने लगते हैं। तभी अचानक एक बस सुब्बू के आगे से बहुत तेजी से निकलती है और प्रिया डर जाती है। लेकिन सुब्बू को ठीक देख कर गहरी सांस लेती है और तभी प्रिया को एक कार टक्कर मारती है। सुब्बू को झटका लगता है, वो कुछ पल जम सा जाता है और फिर चीख पड़ता है।
सुब्बू प्रिया के पास जाता है और उसके सर को अपनी गोद में रखकर रोने लगता हैं। खुुुुन से लथपथ प्रिया को बाहों में उठाकर कोई गाड़ी ढुंढने लगता है। जिसने प्रिया को टक्कर मारी उसने उन्हें जल्दी अपनी कार में बैठने को कहा। सुब्बु प्रिया को लेकर कार में बैठता है और प्रिया को बार -बार अपनी आंखें खुली रखने को बोलता है। साथ ही उस आदमी को कार तेज चलाने को कहता है।
प्रिया बेहोश होने लगती है पर सुब्बू उसे बेहोश होने से रोकता है और आंसु भरी आंखों के साथ थरथराती आवाज से कहता है,"प्रिया हम बस पहुंचने ही वाले हैं, तुम बस अपनी आंखें बंद मत करो, मुझे देखती रहो please."
प्रिया कि आंखें बंद हो जाती है और वो बेहोश हो जाती है। सुब्बू प्रिया को जगाने की कोशिश करता है पर प्रिया आंखें नहीं खोलती। शाम हो चुकी है, सुब्बू ओर कुछ नर्सें प्रिया को लेकर ऑपरेशन रूम कि तरफ भाग रहे है। तभी अचानक प्रिया अपनी आंखें खोलती है और सुब्बू का नाम लेती है और फिर बेहोश हो जाती है। नर्सें प्रिया को ऑपरेशन रूम में लेकर जाती है और सुब्बू को रूम के बाहर रूकने को कहती है।
सुब्बू डरा हुआ ऑपरेशन रूम कि तरफ देखे जा रहा है, उसकी आंखों से आंसु गिर रहें हैं और वो सोच रहा है की,"मैंने ज़िन्दगी भर इससे नफ़रत की ओर हमेशा यही चाहा कि ये मुझसे दूर चली जाए। पर अब जब मैं चाहता हूं कि ये मेरे पास रहे तो ये मुझसे दूर जा रही है। मेरी आंखों में जब भी आंसु आए हैं, उसकी वजह यही थी। लेकिन आज इसके लिए मेरी आंखों से आंसु निकल रहें हैं। मैंने हमेशा ही प्रिया से नफ़रत की ओर शाय़द आज उसकी इस हालत का जिम्मेदार मैं ही हूं। काश मैं उसकी जिंदगी में होता ही नहीं। "
5-6 घंटे के बाद डॉक्टर बाहर आते हैं, दुखी चेहरे के साथ वो सुब्बु से कुछ कहते है। सुब्बु बेजान की तरह घुटनों के बल जमीन पर गिर पड़ता है आंखों में आंसु लिए। अचानक लड़की जाग जाती है डरी हुई सी, ओर कहती है ,"ये सब क्या था? वो लड़का कौन था ओर वो लड़की कौन थी? मेरी तरह दिखने वाली। क्या वो मैं थी? ओर क्या वो मर गई? आख़िर क्या था ये सब?"
अपने बालों को जोर से खिंचते हुए बोली,"मेरा सिर दर्द कर रहा है अब।"
तभी एक लड़की कमरे में आती है और कहती हैं, "आख़िर तुम उठ गई, तुम जानती हो time क्या हो रहा है। जल्दी करो वरना डॉ आनंद गुस्सा हो जाएंगे। वो तुम्हें कबसे बुला रहे है। "
पहली लड़की कुछ जवाब नहीं देती , वो बस अपने बाल पकड़ कर टेबल पर सर रखकर पड़ी हुई है। दुसरी लड़की पहली लड़की के पास जाती है और उसके कंधों को पकड़ कर उसे जोर से हिलाते हुए कहती है ,"अनु उठो जल्दी करो वरना तुम निकाल दी जाओगी। जल्दी उठो। "
अनु बोली,"अरे सुमन तुम, क्या हुआ? क्यूं शोर कर रही हो, मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा है।"
सुमन बोली," तो किसने कहा था इतनी बियर पीने को, पीने तक तो ठीक था लेकिन तुमने डॉ आनंद को कितनी बातें सुनाई ओर गालियां भी दी।"
अनु बोली," क्या हुआ था? मैंने क्या किया, क्या कहा मैंने? जल्दी बताओ। अब तो मुझे पक्का अपनी टीम से निकाल देंगे। "
अनु टेबल पर सर पटकने लगती है दुखी होकर, तभी सुमन कहती है,"अभी का तो पता नहीं लेकिन अगर जल्दी नहीं गई तो जरूर निकाल देंगे।"
अनु झटके से उठती है और अपना डॉक्टर कोट पहनते हुए डॉ आनंद के ऑफिस कि तरफ़ दौड़ती है। ऑफिस के बाहर पहुंचकर वो अपने बालों को सही करती है और चहरे को साफ करती है। ऑफिस का दरवाजा खटखटा कर डरती हुई दरवाजा खोलते हुए पुछती है,"क्या मैं अंदर आ सकती हूं सर?"
डॉ आनंद बोले," आ जाओ।"
अनु बोली," Good morning sir."
डॉ आनंद बोले," ओह! तुम हो, क्या तुम जानती हो कि time क्या हो रहा है?"
अनु बोली," Soory Sir वो मैं रात को लेट सोई थी, इसलिए थोड़ी सी देर हो गई। "
डॉ आनंद बोले," जाहिल बेवकूफ कहीं की, क्या तुम अपनी जोब गंवाना चाहती हो। Time कि value नही जानती। खासकर मेरे time की।"
अनु बोली," Sorry sir I'm verry verry sorry sir, मैं आगे से ध्यान रखुंगी कि ऐसा कभी न हो, please मुझे माफ़ कर दिजीए। "
डॉ आनंद बोले," अच्छा ठीक है अगर तुम अपनी ग़लती मानती हो तो, मैं तुम्हें एक ओर chance देता हूं। लेकिन फिर कभी ऐसी ग़लती नही होनी चाहिए।"
अनु बोली," नहीं होगी sir."
डॉ आनंद बोले," अच्छा अब जाओ मेरे लिए एक कॉफी लेकर आओ, तुम्हारी वज़ह से अभी तक कॉफी नही मिली है मुझे जाओ जल्दी लेकर आओ।"
अनु बोली," बस अभी लाई sir."
अनु जाने लगती है तभी आनंद कहता है,"रूको। "
अनु बोली," जी sir."
डॉ आनंद बोले," तुमने कहा तुम रात में लेट सोई, क्या मैं जान सकता हूं क्यूं?"
अनु बोली," sir वो कल रात मैंने ज्यादा drink कर ली, इसलिए आज देर से उठी ओर लेट हो गई। मुझे तो याद भी नहीं की drink के बाद मैंने क्या किया कब सो गई कुछ याद नहीं।"
डॉ आनंद बोले," अच्छा कुछ याद नहीं तुम्हें, फिर तो ज्यादा ही drink कि होगी तुमने। अच्छा जाओ अब, जल्दी कॉफी लेकर आओ, जाओ।"
अनु के जाते ही आनंद एक गहरी सांस लेता है और पानी पिता है। आनंद बड़बड़ाने लगता है,"हां अब जान में जान आई, ऐसा लगा सांस रूक ही जाएगी। अच्छा है उसे कुछ याद नहीं। काश उसे कुछ याद न आए। "
अनु कॉफ़ी लेने कंटिन जाती है, ओर कॉफी ऑर्डर करती है। सुमन उसका वही इंतेज़ार कर रही थी। वो अनु को आवाज लगाती है,सुमन बोली," अनु यहां?"
अनु सुमन के पास आती है और बैठती है,
सुमन बोली," क्या हुआ? क्या कहा उसने? क्या तुम्हारी जॉब है या उसने तुम्हें निकाल दिया? कुछ बोलो खामोश मत रहो। मुझे जानना है।"
अनु बोली," कुछ नहीं। उन्होंने मुझे बस लेट होने के लिए डांटा और कॉफी लाने को कहा।"
सुमन बोली," अच्छा उसने तुम्हें कुछ नहीं कहा। मुझे तो लगा था आज तुम गई। पर उसने कुछ कहा क्यूं नही?"
अनु फिर से अपना सर टेबल पर पटकने लगती है ओर अपने बाल पकड़कर खिंचती है और फिर टेबल पर सर रखकर शांत होकर बैठ जाती है।
सुमन बोली," क्या हुआ तुम्हें? ऐसा क्यूं behave कर रही हो? क्या हो गया?"
अनु बोली," कुछ नही। सिर में बहुत दर्द है बस।"
सुमन बोली," इतना पियोगी तो hangover तो होगा ही। किसने कहा था इतना पिने को और कौन कहेगा कि तुम एक डॉक्टर हो, बेवडीयों जैसी हरकतें है तुम्हारी।"
अनु बोली," मेरा सिर उस वजह से नहीं किसी और वजह से दर्द कर रहा है। "
अनु अपने बाल खिंचते हुए कहती हैं कि,"अच्छा मैं तुम्हें कुछ बताऊं तो तुम मुझे पागल तो नही समझोगी। क्यूंकि वो बात ही ऐसी है कि कोई भी मुझे पागल ही कहेगा।"
सुमन बोली," अच्छा बताओ। "
अनु बोली," आज सपने में मैंने एक लड़के को देखा। "
सुमन बोली," क्या लड़के को, कौन लड़का? क्या तुम उसे जानती हो? क्या पहले भी उससे मिली हो? ओर क्या वो लड़का handsome है? बताओ जल्दी। "
अनु बोली," अच्छा बताओ रही हूं, जल्दी मत करो। उसके बारे में सोच कर ही सर दर्द करने लगता है।"
सुमन बोली," तुम कितनी lucky हो। तुम्हारे सपनों में लड़के आते हैं ओर एक मैं हूं, जिसके जिंदगी में छोड़ो सपनों में भी लड़के नहीं आते। काश कोई handsome लड़का मुझे date पर ले जाता (निराशा भरे भाव से)। अच्छा आगे बताओ क्या हुआ सपने में।"
अनु बोली," हां ज्यादा कुछ नहीं बस, उसे देख कर ऐसा लगा कि मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और उसके बिना जी नहीं सकती मर जाउंगी। ओर सच कहूं तो मैंने अपनी जिंदगी में उसे इससे पहले कभी नहीं देखा। फिर मैं उसके लिए ऐसा कैसे feel कर सकती हूं। "
सुमन बोली," हां, सही कहा। ऐसा feel करना भी नहीं चाहिए। जिसे तुम जानती भी नहीं उसके लिए ऐसा कैसे feel कर सकती हो तुम। "
अनु बोली," जानती हूं, लेकिन फिर भी मैं उसके लिए feeling महसूस कर रही हूं। उसकी वो आंखें जो कह रहीं थीं कि वो मुझसे कितना प्यार करता है। "
सुमन बोली," अच्छा तो सोच कर देखो। शायद तुम पहले भी कहीं उससे मिली हो, इसलिए वो सपने में तुम्हें दिखाई दिया।"
अनु बोली," नहीं इससे पहले मै उससे कभी नहीं मिली, पर अब मैं बह उससे एक बार मिलना चाहती हूं। क्या तुम सच में हो? क्या हम कभी मिलेंगे? मैं तुमसे मिलना चाहती हूं। "
सुमन भावुक हो जाती है और तभी कॉफी आ जाती है। अनु कॉफ़ी लेकर डॉ आनंद के ऑफिस कि तरफ जाती है। अचानक लैब में टेबल पर सो रहा सुब्बू झटके से निंद से जागता है, और कहता है," ये क्या था? क्या वो प्रिया थी ?"
ये सब क्या है? और ये सपनों का क्या मामला है। क्या
ये दोनों कभी मिल पाएंगे? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिये
To be continued
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