Present time,
अनु उसे अपनी कार में अपने हॉस्पिटल ले जाती है। वो पुरे रास्ते बस उसे ही देखे जा रही थी। वो इंसान अनु के सामने था फिर भी वो यकिन नहीं कर पा रही थी।
हॉस्पिटल पहुंचते ही अनु सभी से ऑपरेशन कि तैयारी करने को कहती हैं। जल्द ही ऑपरेशन की सारी तैयारियां हो जाती है। अनु कि पुरी team आ जाती है। सुमन पुछती है,
सुमन: ये शख्स कौन है? मैंने सुना इसे तुम लाई हो। इसका form भी नहीं भरा ओर सिधे operation के लिए ले आई। क्या तुम इसे जानती हो? क्या ये तुम्हारे लिए बोहोत खास है?
अनु उस आदमी के चहरे कि तरफ देखती है और कहती हैं,
अनु: बोहोत खास है..
सुमन समझ जाती है ये कि ये वही अनु का dream boy है। सुमन चौंक जाती है और उत्सुकता से अनु से पुछती है,
सुमन: अनु क्या ये वही हैं...?
अनु हां में सर हिलाती है।
सुमन: हा...... यार ये तो सच में बोहोत Handsome है....। ये सच में बोहोत खास है। अनु हमें इसे बचाना हि होगा।
अनु: hmm.., पर तुम इतनी खुश क्यूं हो रही हो..
सुमन: खुश, नहीं मैं कहां खुश हो रही हूं..। मैं तो ये कह रहीं हूं कि इसे बचाना बोहोत जरूरी है।
अनु: हां ठिक है। चलो शुरू करें..
Operation शुरू होता है, अनु देखती है कि उसके शरीर पर चाकू से गहरे वार के साथ साथ उसे गोलियां भी मारी गई है। सुमन कहती हैं,
सुमन: इसे तो मारने कि कोशिश कि गई है। ये तो पुलिस केस लगता है, क्या तुमने पुलिस को inform किया?
अनु: नहीं।
सुमन: क्यूं नहीं..। तुम जानती हो ना हम सब इसमें फस सकते हैं।
अनु: हां मैं बोहोत अच्छे से जानती हूं। पर अभी इसे बचाना ज्यादा जरूरी है।
सुमन: अच्छा ठिक है, जैसा तुम कहो...
Operation में बोहोत मुश्किल आई क्यूंकि उसका बोहोत blood loss हो चुका था। 5 घंटे के मुश्किल operation के बाद आखिर अनु ने उसे बचा लिया।
लेकिन वो आदमी अब temporary coma में चला गया। अनु ने कहा,
अनु: इसके होश में आने तक कोई किसी को कुछ नहीं बतायेगा।
पुरी team हां कहती हैं ओर उस आदमी को दुसरे रूम में shift कर देते हैं। कुछ देर बाद जब team lobby में इक्कठी होती है तो स्नेहा सुमन से पुछती है,
स्नेहा: अनु कहीं दिखाई नहीं दे रही। क्या वो वापस घर चलीं गई है।
सुमन: पता नहीं.. कल शाम वों अपनी मां के साथ dinner करने बाहर जाने वाली थी। पर इस झमेले कि वजह से भुल गई। शायद घर ही गई हो।
तभी अनु की मां सुमन को call करती है। सुमन का मोबाइल vibrate करता है। सुमन call recieve करती है। अनु कि मां कहती हैं "बेटा कल रात से तुम दोनों को call कर रही हूं। तुम दोनों जवाब क्यूं नहीं दे रही थी? अनु तो अभी तक जवाब नहीं दे रही। वो ठीक तो है? मुझे फिक्र हो रही है।" सुमन कहती हैं,
सुमन: Sorry aunty, कल वो एक emargency case आ गया था और हमारे मोबाइल silent थे। इसलिए जवाब नहीं दे पाए। शायद अनु ने अभी तक अपना मोबाइल चैक नहीं किया है। मैं उसे जाकर बताती हूं।
अनु कि मां कहती हैं "ठीक है बेटा। उसे कहना मुझे फिक्र हो रही है जल्दी call करें।"
सुमन: ठिक है aunty। मैं उसे अभी call करने को कहती हूं।
Call cut होते ही सुमन स्नेहा से कहती हैं,
सुमन: वो अभी तक घर नहीं गई। यही है।
स्नेहा: यही है तो वो दिखाई क्यूं नहीं दि। Canteen में भी नहीं थी।
सुमन: शायद मैं जानती हूं वो कहां होगी।
सुमन rest room कि तरफ जाती है। अंदर जाते ही देखती है कि अनु वही थी और बैड पर उल्टी लेट कर सो रही थी। सुमन गुस्से में कहती हैं,
सुमन: तुम फिर सो रही हो। तुम्हारी मां ने कितने calls किये है। तुम जवाब क्यूं नहीं दे रही।
अनु कुछ नहीं कहती।
सुमन: बोहोत हो गया अब उठ भी जाओ...
जैसे ही सुमन अनु को अपनी तरफ घुमाती है, वो देखती है कि अनु रो रही है। सुमन पुछती है...
सुमन: अनु... रो क्यूं रही हो? क्या हुआ?
अनु सुमन के गले लग कर ओर ज्यादा रोने लग जाती है। सुमन अनु को शांत कराती है। कुछ मिनट रोने के बाद अनु थोड़ी शांत हो जाती है। सुमन पुछती है,
सुमन: अनु इस तरह रो क्यूं रही थी।
अनु: मुझे नहीं पता कि मैं क्यूं रोने लगी। पर उसकी ऐसी हालत देख कर मुझे बोहोत दुख होने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर उसे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगी।
सुमन: ये क्या बोल रही हो? किसी गैर के लिए एसा कैसे सोच सकती हो तुम। उससे अपने सपनों के अलावा कभी मिली तक नहीं हो। तो क्यूं...
अनु: मैं नहीं जानती और ना ही समझा सकती हूं। जब वो मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा,
सुमन: क्या? उसने तुमसे कुछ कहा। लेकिन कब और क्या कहा?
अनु: उसने मुझसे कहा था कि उसने मुझे ढुंढ लिया और मुझे खिंच कर गले लगा लिया। फिर वो बेहोश हो गया।
सुमन: क्या??? उसने तुम्हें गले लगाया।
अनु: हां। लेकिन मुझे बुला नहीं लगा। जब उसने मुझे गले लगाया तो मुझे जैसे सुकून मिल गया हो ऐसा लगा। मुझे खुशी हुई।
सुमन: अनु.. मुझे अब तुम्हारी बोहोत फिक्र होने लगी है।
अनु: हां.. मुझे भी ये सब अजीब लग रहा है। अब तो उसके होश में आने का इंतजार है। मुझे लगता है सारे जवाब वही दे सकता है।
सुमन: अच्छा अब उसके बारे में सोचना छोड़ कर आंटी के बारे में सोचो। तुम्हारा मोबाइल कहा है।
अनु: हां........(अजीब सी शक्ल बनाते हुए) मैं तो भुल ही गई थी। क्या मां ने तुम्हें call किया?
सुमन: हां। फिक्र मत करो मैंने उन्हें समझा दिया है। तुम पहले मेरे साथ canteen चलो और कुछ खा लो। तुमने कल शाम से कुछ नहीं खाया। क्या तुम्हें भुख नहीं लगती?
अनु: अब तुम कह रही हो तो मुझे बोहोत ज्यादा भुख लग रही है।
सुमन: तो चलो।
सुमन और अनु canteen जाते हैं। सुमन कुछ खाने-पिने को लेने जाती है। अनु बैठके wait करने लगती है। तभी स्नेहा वहां आ जाती है और अनु से कहती हैं,
स्नेहा: क्या आप ठीक है? आपका चहरा काफी मुरझाया हुआ लग रहा है।
अनु: मैं बिल्कुल ठिक हूं। तुम बताओ ये तुम्हारे हाथ में क्या है?
स्नेहा: ये वो उस आदमी का सामान है। मैं ये आपको देने आई थी।
अनु: okay यहां रख दो।
स्नेहा सामान को टेबल पर रख कर चली जाती हैं। फिर सुमन आ जाती है और कहती हैं,
सुमन: लो ये खाओ और घर जाकर आराम करो। उसे होश आते ही मैं तुम्हें बता दुंगी।
अनु breakfast करती है और सामान लेकर घर चलीं जाती है। घर पहुंचते ही वो अपनी मां से कहती हैं,
अनु: I'm so sorry मां।
मां: तुम sorry मत कहो, मैं सब समझती हूं। चलो कुछ खा लो और फिर आराम कर लेना। कितनी कमजोर दिख रही हो।
अनु: मां मैं खा कर आई हूं। अब बस सोना चाहती हूं।
मां: ठिक है। जाकर आराम करो।
अनु अपने रूम में जाती है और बैड पर लेट जाती है। अनु को सपने में कल शाम जो हुआ वो देखती है। फिर अचानक उठ जाती हैं और कहती है,
अनु: हं..... मैं सो क्यूं नहीं पा रही।
फिर वो bathroom जाती है और अपना मुंह धोती है। फिर अनु कॉफ़ी लेकर अपने रूम कि खिड़की पर बैठ जाती है। कॉफी पिते-पिते अनु को उस आदमी के सामान के बारे में याद आता है। पर उसे वो सामान अपने रूम में नहीं दिखाई देता। अनु मां को आवाज लगाती है,
अनु: मां, मां.....
मां: हां बेटा।
अनु: मां मैं कुछ सामान लाई थी। क्या आपने देखा है...
मां: बेटा तुम तो सोने जा रही थी ना। निंद नहीं आ रही क्या?
तभी अनु मां के पास आ जाती है और कहती हैं,
अनु: बताईए ना कहा है?
मां: वो देखो टेबल पर रखा है।
अनु सामान उठाकर अपने रूम में ले जाती है और देखने लगती है। पहले वो उसका लैब कोट निकालती है। जिसपर उसका नाम लिखा था।
अनु: अच्छा तो उसका नाम सुभांषु मेहता है।
फिर अनु को लॉकेट निकालती है ओर कहती हैं "ये कैसा अजीब लॉकेट है, अजीब है पर सुंदर है।" फिर अनु को एक डायरी दिखाई देती है और जैसे ही अनु डायरी उठाती हैं उसमे से एक photo नीचे गिरती है। अनु उस photo को उठाती है और जैसे ही photo को देखती है वो चौंक जाती थी है। अनु चौंकते हुए जोर से बोल पड़ती है,
अनु: मां कि आंख..(हैरान और अचम्भीत होते हुए)
To be continued....
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